लखनऊ। कांग्रेस नेता इमरान मसूद, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, एक बार फिर कोर्ट के शिकंजे में हैं। सहारनपुर में एक चुनावी रैली के दौरान मसूद ने मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने “बोटी-बोटी काट देने” की धमकी दी थी। इस बयान के चलते मसूद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं। इमरान मसूद ने इन आरोपों को निराधार बताया है और आरोपों का खंडन किया है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) गुलाब सिंह ने बताया कि 27 मार्च 2014 को देवबंद में एक चुनावी सभा के दौरान इमरान मसूद ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था। इसके अलावा, उन्होंने दो दलित नेताओं को भी जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया था। इस मामले में देवबंद कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद पुलिस ने धारा 153ए, 295ए, 504, 506, 3(1) 10 एससी/एसटी एक्ट और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
धारा 153ए : भाषा या निवास स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी और शत्रुता को बढ़ावा देना।
धारा 295ए : जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर दलित समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करना।
धारा 504 : अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर लोक शांति भंग करने के उद्देश्य से अपमानित करना।
धारा 506: जान से मारने की धमकी देना।
एससी/एसटी एक्ट (3(1)10) : अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां करना।
125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम : धर्म के आधार पर शत्रुता और घृणा को बढ़ावा देना।
इमरान मसूद की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उन्होंने आरोपों को निराधार बताते हुए उन्हें खारिज करने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने इसे अपर्याप्त आधारों के चलते निरस्त कर दिया, जिससे उनके खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाया गया है।