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मोदी का हिंदू विरोध: बांग्लादेश या कनाडा, हर हमले पर उठाते हैं आवाज

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कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तान समर्थकों द्वारा किए गए हमले का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। विश्वभर में हिंदू संगठन और संत इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले पर कड़ा ऐतराज जताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकती। मोदी ने इसे ‘जानबूझकर किया गया हमला’ और ‘हमारे राजनयिकों को डराने का कायरतापूर्ण प्रयास’ करार दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस हिंसा की निंदा की है और कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिर में हुई घटना बेहद चिंताजनक है।

4 नवंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर एकजुटता रैली का आयोजन किया गया। रैली में लोगों ने खालिस्तानियों का विरोध करते हुए कनाडाई नेताओं से आग्रह किया कि वे इस समुदाय को समर्थन न दें। रैली में शामिल लोगों ने कहा कि कनाडा में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं और यह स्थिति बदलनी चाहिए।

खालिस्तानी समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के आरोप में एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने कहा कि वे उस वीडियो से अवगत हैं जिसमें अधिकारी प्रदर्शनों में शामिल दिखाई दे रहा है।

कनाडा के पूर्व मंत्री उज्जल दोसांझ ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सिख धर्मनिरपेक्ष हैं और खालिस्तान से कोई सरोकार नहीं रखते।

इस घटना ने कनाडा में हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा और समर्थन की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है।

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