राजस्थान की राजधानी जयपुर में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ मुस्लिम उलेमाओं का विरोध तेज हो गया है। उलेमाओं ने इस बिल को वापस लेने की मांग की है और इसके खिलाफ 24 नवंबर को दिल्ली घेरने की चेतावनी भी दी है। पहले भी एक बड़ी जमात बैठक हुई थी, जिसमें इस बिल के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया था। कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी इस बैठक में शामिल हुए थे।
मौलाना तौकीर रजा ने इस बिल को लेकर कड़ा बयान देते हुए कहा कि, “अगर हम लोग सड़कों पर उतर आएंगे, तो तुम्हारी रूह कांप जाएगी। अगर कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हमेशा बेईमान रही है, लेकिन वर्तमान सरकार सबसे ज्यादा बेईमान है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, जो मस्जिदों और मुस्लिम संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया है, अब विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों के निशाने पर है। सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने का कदम मानती है, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक सरकार को अधिक शक्तियां प्रदान करता है और इससे समुदाय की संपत्तियों के स्वामित्व पर खतरा आ सकता है।
राजस्थान वक्फ बोर्ड के सदस्य शाहिद हसन ने इस बिल की आलोचना करते हुए कहा कि इसे वक्फ अधिनियम को बदलने के लिए पेश किया गया है और इसके नाम में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत अब केवल वे लोग जो पांच साल से मुस्लिम हैं, ही वक्फ संपत्तियों को दान कर सकेंगे, जबकि गैर-मुस्लिम इसे दान नहीं कर सकेंगे।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, जो जेपीसी के सदस्य हैं, ने इस विधेयक को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है और वक्फ कानून में संशोधन की आवश्यकता की बात की है।
वक्फ संशोधन बिल पर जारी इस विवाद ने राजस्थान और अन्य मुस्लिम इलाकों में विरोध की लहर को और तेज कर दिया है।