मणिपुर में बढ़ते तनाव के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के 27 विधायकों ने हाल ही में जिरीबाम जिले में हुई हत्याओं के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित किया। इस बैठक में विधायकों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के बाद सात दिनों के भीतर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
विधायकों ने प्रस्ताव में कुकी उग्रवादियों को सात दिनों के भीतर गैरकानूनी संगठन घोषित करने की मांग की और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का आग्रह किया। इसके साथ ही, केंद्र से क्षेत्र में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) लागू करने की समीक्षा करने का भी अनुरोध किया गया।
विधायकों ने चेतावनी दी कि यदि निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे मणिपुर के लोगों से परामर्श करके अगली रणनीति तय करेंगे। इसके अलावा, विधायकों ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हमलों की भी कड़ी निंदा की और उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निष्कर्षों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की बात कही।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य और केंद्र सरकार शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
सात विधायक चिकित्सा कारणों से बैठक में अनुपस्थित रहे, जबकि 11 विधायकों ने अपनी अनुपस्थिति का कारण नहीं बताया। वहीं, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति की आलोचना की और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के लिए कथित समर्थन की कमी पर सवाल उठाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका पर भी सवाल किया।