किसानों का दिल्ली मार्च: नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर किसान 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इस दौरान यातायात प्रभावित होने की आशंका है, जिसके चलते नोएडा और दिल्ली के बीच ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है। किसान संगठनों का यह आंदोलन भारतीय किसान परिषद (बीकेपी), किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम), और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) जैसे संगठनों के संयुक्त प्रयास का हिस्सा है।
दिल्ली मार्च की शुरुआत
शुरुआत का स्थान: नोएडा के महामाया फ्लाईओवर
नेतृत्व: बीकेपी नेता सुखबीर खलीफा
बीकेपी नेता सुखबीर खलीफा ने कहा, “हम दिल्ली के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” उन्होंने महामाया फ्लाईओवर से मार्च की शुरुआत की और दोपहर तक दिल्ली पहुंचने की योजना बनाई है।
ट्रैफिक पर असर: एडवाइजरी जारी
नोएडा और दिल्ली के अधिकारियों ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और मेट्रो सेवाओं का लाभ उठाने की सलाह दी है।
- प्रमुख मार्गों पर भारी ट्रैफिक की संभावना।
- भीड़भाड़ से बचने के लिए वैकल्पिक रूट अपनाने का सुझाव।
किसानों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारी किसान सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)।
कृषि ऋण माफी।
किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन।
बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं।
पुलिस मामलों की वापसी।
लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली।
पिछले आंदोलनों में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा।
केंद्र और किसानों के बीच बातचीत का मुद्दा
पिछली वार्ता में किसानों ने सरकारी एजेंसियों द्वारा दाल, मक्का और कपास की एमएसपी पर खरीद का प्रस्ताव खारिज कर दिया था।
किसान नेता पंधेर ने केंद्र पर बातचीत बंद करने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहते हैं और अनुबंध खेती स्वीकार्य नहीं है।”
आंदोलन का महत्व
किसानों का यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश है। यह आंदोलन न केवल उनके अधिकारों के लिए है, बल्कि कृषि क्षेत्र की दशा और दिशा पर भी सवाल खड़े करता है।
यात्रियों के लिए सुझाव: दिल्ली-नोएडा मार्ग पर सफर करने वाले लोग मेट्रो सेवाओं का उपयोग करें और ट्रैफिक अपडेट पर नजर रखें।