भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि उन्हें निगरानी में रखा गया है। फिलहाल उनकी हालत “स्थिर” है और उन्हें डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। आडवाणी की उम्र 96 साल है, और वे न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ एडवाइजर डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं।
इससे पहले भी, आडवाणी को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें किस कारण से अस्पताल में भर्ती किया गया है।
लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर
लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। 14 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बने और 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। 1951 में आडवाणी भारतीय जनसंघ में शामिल हुए और 1970 में राज्यसभा में पहुंचे। इसके बाद 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें और अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार किया गया।
वर्ष 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी, आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार मिला। 1980 में उन्होंने भाजपा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 1984 के आम चुनाव में पार्टी को दो सीटों से 1990 के दशक में राष्ट्रीय ताकत बनाने में मदद की। उनका नेतृत्व राम जन्मभूमि आंदोलन में भी अहम रहा, जिसने भाजपा की राजनीतिक किस्मत को नया मोड़ दिया।
आडवाणी तीन बार भाजपा अध्यक्ष रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पद पर भी रहे। 2009 के चुनावों में उन्हें भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि पार्टी को जीत नहीं मिली।