कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी अनूठी विरोध शैली को जारी रखते हुए 17 दिसंबर को संसद में एक बैग लेकर पहुंचीं, जिस पर लिखा था, “हम बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हैं।” इससे एक दिन पहले प्रियंका गांधी को फिलिस्तीन शब्द से सजे बैग के साथ देखा गया था। प्रियंका गांधी ने अपने कंधे पर बांग्लादेश बैग के साथ संसद परिसर में बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। विपक्षी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ तख्तियां लेकर विरोध जताया।
प्रियंका गांधी का बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ बयान
प्रियंका गांधी, जो हाल ही में केरल के वायनाड से चुनावी जीत के बाद संसद में भाग ले रही हैं, ने 16 दिसंबर को लोकसभा सत्र के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर अपनी आवाज उठाई। शून्यकाल के दौरान उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हो रहे हमलों के खिलाफ सरकार से समर्थन का आह्वान किया। प्रियंका ने कहा, “सरकार को बांग्लादेश सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए और उन लोगों का समर्थन करना चाहिए जो दर्द में हैं।”
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और बीजेपी की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में हाल ही में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेष रूप से मंदिरों पर हमले और अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमले हुए हैं। बांग्लादेश ने इन हिंसा की 88 घटनाओं को स्वीकार किया है। इन घटनाओं से नई दिल्ली में गहरी चिंता पैदा हो गई है। प्रियंका गांधी के इस बयान से बीजेपी में असंतोष पैदा हुआ, जो इस मुद्दे को पार्टी की राजनीति से जोड़ते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही है।
प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के प्रति सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है और इस मुद्दे को संसद में लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।