इस साल सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ रही है। यह पौष अमावस्या के साथ-साथ 2024 की आखिरी अमावस्या भी है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तजन पवित्र नदियों में स्नान और दान कर अक्षय पुण्य अर्जित करते हैं। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है, जिससे पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन दीपक जलाने का अत्यंत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितर प्रसन्न होते हैं। इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं
सोमवती अमावस्या के दिन घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाएं। दीपक के साथ एक पानी का बर्तन भी रखें। इस दौरान मुख्य द्वार का दरवाजा खुला रहना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक
इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में पितरों के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है कि अमावस्या के दिन दीपक की रोशनी से पितरों का मार्ग रोशन होता है। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
पितरों की तस्वीर के पास दीपक
सोमवती अमावस्या के दिन अपने पितरों की फोटो के सामने दीपक जलाएं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितर पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण की अपेक्षा रखते हैं। इस दीपक में सरसों का तेल या तिल का तेल का उपयोग करें।
पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं
इस दिन पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसा करने से घर के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है।
ईशान कोण में दीपक जलाएं
घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में घी का दीपक जलाएं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में देवताओं का वास होता है। इस स्थान पर दीपक जलाने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
सोमवती अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने और देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इन स्थानों पर दीपक जलाकर आप न केवल पितरों की कृपा पा सकते हैं, बल्कि अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि भी ला सकते हैं।