नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा की शुरुआत 8 जनवरी 2025 को होगी। यह बैठक संसद में होने वाली एक महत्वपूर्ण चुनाव सुधार पहल पर व्यापक चर्चा का प्रतीक बनेगी।
जेपीसी की पहली बैठक: परिचयात्मक चर्चा
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की इस पहली बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। भाजपा सदस्य पीपी चौधरी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में अधिकारियों द्वारा दोनों विधेयकों पर पैनल को जानकारी दी जाएगी। यह बैठक एक परिचयात्मक सत्र होगी और चुनावी सुधार को लागू करने के लिए इस बैठक में प्रारंभिक चर्चा की संभावना है।
जेपीसी के सदस्य और बैठक में शामिल लोग
इस पैनल में कुल 27 लोकसभा सदस्य और 12 राज्यसभा सदस्य हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद पीपी चौधरी को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रमुख सदस्य हैं:
लोकसभा सदस्य: सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तम रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, संजय जयसवाल, प्रियंका गांधी वाद्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टीएम सेल्वगणपति, जीएम हरीश बालयोगी, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शांभवी चौधरी, के राधाकृष्णन, चंदन चौहान, और बालाशोवरी वल्लभनेनी।
राज्यसभा सदस्य: घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी विजयसाई रेड्डी।
संविधानिक संशोधन विधेयक की पेशकश
एक साथ चुनाव के संबंध में संविधानिक (129वां संशोधन) विधेयक पिछले सप्ताह संसद में पेश किया गया था। इसके बाद यह बिल संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया। प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया था, जिसमें कुल 269 वोट पक्ष में पड़े जबकि 198 वोट विपक्ष में पड़े थे।
आने वाले समय में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर अधिक चर्चा
संसदीय समिति की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर गहन चर्चा की जाएगी, जो आगामी चुनावी सुधारों को लेकर भारत में राजनीतिक प्रक्रिया को नया मोड़ दे सकता है।