तुलसी पूजन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। तुलसी भारतीय संस्कृति में धार्मिक, आयुर्वेदिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है और इसे “वृंदा” के नाम से भी जाना जाता है।
तुलसी पूजन दिवस का महत्व
धार्मिक महत्व
तुलसी को सनातन धर्म में माता का स्थान दिया गया है। यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी पूजन से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में तुलसी की उपस्थिति आवश्यक मानी जाती है।
आयुर्वेदिक महत्व
तुलसी में औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह सर्दी, जुखाम, बुखार जैसी बीमारियों में लाभकारी है और पर्यावरण को शुद्ध करती है। तुलसी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी है।
आध्यात्मिक महत्व
तुलसी पूजन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। यह दिन परिवार के सदस्यों के बीच एकता और सामंजस्य बढ़ाने का भी अवसर प्रदान करता है।
तुलसी पूजन की विधि
सामग्री तैयार करें
तुलसी पूजन के लिए जल, कुमकुम, अक्षत, दीपक, अगरबत्ती, फूल, तुलसी के पत्ते और प्रसाद (गुड़-धनिया या पंचामृत) की व्यवस्था करें।
तुलसी का श्रृंगार और पूजा
तुलसी के पौधे को स्वच्छ करें: पौधे को जल से स्नान कराएं और आसपास की सफाई करें।
श्रृंगार करें: तुलसी पर चंदन, कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं।
मंत्र उच्चारण करें:
ॐ तुलस्यै नमः”
“तुलसी श्रीमहालक्ष्म्यै विष्णुप्रियायै नमो नमः।”
प्रसाद अर्पित करें: गुड़ और धनिया का प्रसाद अर्पित करें।
परिक्रमा करें: तुलसी की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें और परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।
तुलसी पूजन दिवस कैसे मनाएं?
परिवार सहित पूजा
परिवार के सभी सदस्य मिलकर तुलसी पूजन करते हैं, जिससे आपसी प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
धार्मिक कथा का पाठ
तुलसी माता और भगवान विष्णु की कथा का पाठ करें। यह बच्चों और युवाओं को परंपराओं का महत्व समझाने में मदद करता है।
तुलसी का पौधा लगाएं
यदि घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो इस दिन तुलसी का पौधा लगाएं और इसकी देखभाल का संकल्प लें।
तुलसी पूजन दिवस का सामाजिक महत्व
तुलसी पूजन दिवस पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। तुलसी ऑक्सीजन का प्रमुख स्रोत है और यह वातावरण को शुद्ध करने में सहायक है। इस दिन तुलसी का रोपण पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
तुलसी पूजन दिवस भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी इसका विशेष महत्व है। 25 दिसंबर को तुलसी माता की पूजा कर परिवार और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करें। इस दिन को मनाकर हम आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति और संस्कृति का अमूल्य उपहार दे सकते हैं।