नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पंचक और भद्रा काल का निर्माण हो रहा है। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व दो दिन यानी 30 अगस्त और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के पर्व पर आरती की थाली का विशेष महत्व है। इस दिन बहनें से पहले आरती की थाली सजाती हैं और फिर भाई का तिलक करने के बाद उन्हें राखी बांधती हैं।
रक्षाबंधन के दिन राखी का विशेष महत्व है इसलिए इस दिन पूजन थाली में राखी अवश्य रखें। इस पवित्र दिन पर पहली राखी भगवान को अर्पित करें इसके बाद ही भाई को राखी बांधें। ऐसा करने से भाई-बहन को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।अक्षत
हिंदू धर्म में अक्षत को बहुत शुभ माना जाता है। पूजा में प्रयोग होने वाले साबुत चावल को अक्षत कहते हैं। अक्षत संपूर्णता और संपन्नता का प्रतीक है, इसलिए हर शुभ अवसर पर अक्षत का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन आरती की थाली अक्षत जरूर रखें और भाई का तिलक करते समय अक्षत जरूर लगाएं।
रोली
तिलक करने के लिए रोली का प्रयोग किया जाता है। बहनें अपने भाई को राखी बांधने से पहले रोली से तिलक करती हैं। रोली से तिलक करने से भाई को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसलिए पूजा की थाली में रोली जरूर रखें।
दीपक
रक्षाबंधन के दिन बहनें दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती हैं। ऐसे में आरती की थाली में दीपक रखना न भूलें। हिंदू धर्म में दीपक सकारात्मकता और प्रकाश का प्रतीक माना गया है। इससे भाई-बहन के बीच का प्रेम हमेशा बना रहता है।
मिठाई
रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर आरती की थाली में मिठाई जरूर होनी चाहिए। भाइयों का तिलक करने और रक्षा सूत्र बांधने के बाद मिठाई खिलाएं। ऐसा करने भाई-बहन के रिश्ते में मिठास बनी रहती है।