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आज की कहानी: चापलूसी

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एक कर्मचारी कम्पनी के सभी कामों से बचता था लेकिन बॉस को मक्खन लगाने में बड़ा माहिर था…..।

वह बॉस के आदेश के अनुसार सभी काम करता था।  ऑफिशियल काम को छोड़ कर वह बॉस के  सभी निजी काम जैसे उनके बेटे की कॉलेज फीस जमा करना, बेटी की डांस कॉस्टयूम खरीदना, उनकी कार की सर्विसिंग का काम, उनके  बेटे का प्रोजेक्ट पूरा करना, यानी लगभग सब कुछ करता था इसलिए जाहिर था कि, वह बॉस का पसंदीदा था उसे सभी प्रोत्साहन और इन्क्रीमेंट समय से मिलता था और  दूसरी  तरफ बाक़ी कर्मचारी , ऑफिशियल काम पूरा करने पर भी बॉस की डांट खाते रहते थे ।

एक दिन अचानक बॉस की मां के निधन की खबर मिली।  सारे कर्मचारी बहुत उदास चेहरे के साथ उनके घर भागे जैसे उनकी ही माँ का देहांत हो गया हो…….

और हैरानी की बात यह थी कि ऐसे  वक्त  में वह बन्दा बॉस के घर के आस पास भी नहीं देखा गया, जिसके बारे में हर कोई कयास लगा रहा था……
कि वह अनुपस्थित कैसे..

अब अन्य कर्मचारियों ने माल्यार्पण से सुसज्जित वाहन की व्यवस्था की और बॉस की मां को श्मशान ले जाया गया…

लेकिन जब  सब  शवदाह  गृह  पहुंचे  तो  पहले  से  ही  16 शव बिजली से जलने के लिए कतार में थे।  प्रत्येक शरीर को जलने में लगभग  1 घंटा  लग रहा  था …. यानी  कि कुल  मिलाकर  सूर्यास्त से पहले दाह संस्कार संभव नहीं था।   बॉस का चेहरा लाल  हो  रखा  था और बाक़ी सब  भी परेशान थे……

अचानक  कतार में  पड़े 16  शव में  से  दूसरा शव उठ बैठा …….

उपस्थित सब लोग मारे डर के भाग खड़े हुए…..

बाद  में  पूर्ण आश्चर्य के साथ पता चला कि यह कोई शव नहीं  था  बल्कि वही बंदा था…..

उसने  तुरंत बॉस को बताया …

श्रीमान, माफ़ी  चाहूँगा  सुबह से आपके  घर  नहीं  आ  पाया  था क्योंकि  जैसे  ही आपकी माता जी  के  देहांत  का  समाचार सुना  और  देखा  कि सब  आपके  घर  की  तरफ  भाग  रहे  हैं  तो  ख्याल  आया  कि  पहले  यहां  का भी  इंतजाम  देख  लूँ और  देखा  तो  पाया  कि  जब आप  बॉडी  लेकर  आयेंगे  तो  शाम तक मुश्किल से नंबर  आ  पायेगा  । आज  तो  बस  आपके  खातिर  सुबह  से ही  आपकी माता  जी  का  नंबर  लगा  दिया  सर  सुबह  8 बजे  से  ही लाश  बनकर  लेटा हुआ हूं  यहाँ..

सब उसकी प्रतिबद्धता के स्तर को देखकर दंग रह गए। और  बॉस  कभी  उसको  बड़े  प्यार  से  देखते  और  अभी  बाक़ी कर्मचारियों  को  खा  जाने  वाली  निगाहों  से…….!!

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