दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने मध्यम वर्गीय परिवारों पर अपना फोकस रखा है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने चुनावी घोषणापत्र का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग सरकार का एटीएम बन गया है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
केजरीवाल की केंद्र सरकार से 7 प्रमुख मांगें
शिक्षा का बजट बढ़ाना
शिक्षा बजट को 2% से बढ़ाकर 10% करने की मांग की गई है, जिसमें प्राइवेट स्कूल भी शामिल हों।
उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और छात्रवृत्ति
केंद्र सरकार से उच्च शिक्षा को सब्सिडी देने और छात्रों के लिए बेहतर छात्रवृत्ति योजनाएं लाने का आग्रह किया गया।
स्वास्थ्य बजट में सुधार
स्वास्थ्य बजट को 10% तक बढ़ाने और स्वास्थ्य बीमा से टैक्स हटाने की मांग की गई है।
आयकर छूट सीमा में बढ़ोतरी
वर्तमान आयकर छूट सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया।
जीएसटी में राहत
आवश्यक वस्तुओं पर लगाए गए जीएसटी को पूरी तरह खत्म करने की मांग की गई।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन और स्वास्थ्य सेवाएं
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मजबूत पेंशन योजना और देशभर में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का प्रस्ताव रखा गया।
रेलवे छूट बहाल करना
रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट को पुनः लागू करने का सुझाव दिया गया।
24 घंटे बिजली की गारंटी
केजरीवाल ने दिल्ली में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा शासित 20 राज्यों में ऐसा नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दिल्ली में भाजपा सत्ता में आती है, तो बिजली कटौती फिर से शुरू हो सकती है।
गरीबों के लिए शिक्षा पर जोर
जन कल्याण पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों को शिक्षा प्रदान कर समाज में बदलाव लाने का काम किया है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि अगला बजट पूरी तरह मध्यम वर्ग को समर्पित किया जाए।
अरविंद केजरीवाल का घोषणापत्र इस बार मध्यम वर्गीय परिवारों की समस्याओं को केंद्र में रखता है। उनका दावा है कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो मध्यम वर्ग के हितों की अनदेखी नहीं होगी।