उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को 11 नगर निगमों समेत शहरी स्थानीय निकायों के लिए मतदान हुआ, जिसमें 66 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान सुबह 8 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चला। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई थी और मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ, हालांकि कुछ स्थानों पर मतदाता सूची में नाम गायब होने के कारण हलचल रही।
मतदान प्रक्रिया और शांति से चुनाव
अधिकारियों के मुताबिक, मतदान प्रक्रिया मतपत्रों के जरिए संपन्न हुई। शाम पांच बजे तक कतार में खड़े मतदाताओं को वोट देने की अनुमति दी गई। कुछ जगहों पर धीमी मतदान गति की शिकायतें भी आईं, लेकिन अधिकांश स्थानों पर चुनाव शांति से संपन्न हुए।
हरीश रावत ने जताई आपत्ति
उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी मतदाता सूची में अपना नाम गायब होने पर विरोध जताया। उन्होंने इस मामले को राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया है।
चुनावी रण में 5,405 उम्मीदवार
इस चुनाव में कुल 5,405 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 72 मेयर पद के उम्मीदवार, 445 नगरपालिका परिषद अध्यक्ष, और 4888 नगर पार्षद पद के उम्मीदवार शामिल हैं। चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखी जा रही है।
चुनाव परिणाम
इन शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में कुल 100 निकायों के लिए मतदान हुआ है, जिसमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतें शामिल हैं। मतों की गिनती 25 जनवरी को की जाएगी।