अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कई कड़े फैसले लिए हैं, जिनसे दुनियाभर के देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी क्रम में अमेरिका और कोलंबिया के बीच भी विवाद बढ़ा, जब अमेरिका ने दो मिलिट्री प्लेन भेजे जिनमें प्रवासी थे, लेकिन कोलंबिया ने इन विमानों को उतरने की इजाजत नहीं दी। इस पर ट्रंप ने कोलंबिया पर भारी प्रतिबंधों की धमकी दी, जिससे कोलंबिया को अपने रुख में बदलाव करना पड़ा।
ट्रंप की धमकी के बाद कोलंबिया ने लिया यू-टर्न
कोलंबिया के राष्ट्रपति गस्तावो पेट्रो ने पहले कहा था कि वे केवल सिविल विमानों से प्रवासियों को स्वीकार करेंगे और सैन्य विमानों से भेजे गए प्रवासियों को स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कोलंबिया की सरकार को चेतावनी दी कि वे अमेरिका द्वारा भेजे गए अपराधियों को वापस लेने के लिए बाध्य होंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर कोलंबिया ने अपने रुख को बदला नहीं, तो वे कोलंबिया के अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध लगा देंगे और उनका वीजा रद्द कर दिया जाएगा।
कोलंबिया की प्रतिक्रिया और समाधान की दिशा
कोलंबिया ने ट्रंप के दबाव के बाद अपनी स्थिति में बदलाव किया और अब प्रवासियों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजने पर सहमति जताई है। कोलंबिया की सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो निर्वासित नागरिकों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करेगी। कोलंबिया ने एक यूनिफाइड कमांड पोस्ट भी बनाया है, जिसमें रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति पद के प्रतिनिधि शामिल हैं। इस निकाय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निर्वासित नागरिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए।
कोलंबिया और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार की दिशा
ट्रंप की धमकी के बाद कोलंबिया सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वे अमेरिका के साथ संपर्क में रहकर इस मुद्दे का समाधान निकालने की पूरी कोशिश करेंगे। व्हाइट हाउस ने कहा है कि ट्रंप की कड़ी शर्तों पर कोलंबिया ने सहमति जताई है और अब वह सैन्य उड़ानों के जरिए लौटे नागरिकों को स्वीकार करेगा।
यह घटनाक्रम अमेरिका और कोलंबिया के रिश्तों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां दोनों देशों के बीच सहयोग और समझदारी की आवश्यकता महसूस हो रही है।