समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में पवित्र संगम में डुबकी लगाई। हालांकि, पहले अटकलें थीं कि वह महाकुम्भ में शायद ही आएं। महाकुम्भ की शुरुआत में अखिलेश ने हरिद्वार जाकर गंगा में डुबकी लगाई थी, लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम में स्नान कर अपना पक्ष मजबूत किया। इस पर अखिलेश यादव भी प्रयागराज आने के लिए मजबूर हो गए।
योगी आदित्यनाथ के कदम से अखिलेश यादव पर दबाव
योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ में स्नान के बाद मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की थी, जिसमें गंगा और यमुना पर दो नए सेतु बनाने जैसे अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने महाकुम्भ में स्नान और पूजा अर्चना कर अपने आलोचकों को जवाब दिया। हालांकि, एक सवाल यह भी उठा कि अचानक से वह प्रयागराज कैसे आ गए?
अयोध्या उपचुनाव ने बढ़ाया दबाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव के प्रयागराज आने का कारण आगामी अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव हो सकता है। इस सीट पर भाजपा और विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है। पिछले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ने अयोध्या-फैजाबाद सीट पर भाजपा को हराया था, जिससे भाजपा के लिए इस सीट को जीतना अहम हो गया है।
योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सपा का कटाक्ष
हालांकि, विपक्ष के लिए राह इतनी आसान नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मिल्कीपुर में भाजपा के उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करते हुए समाजवादी पार्टी पर हमला बोला था। उन्होंने जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा था कि यह एकता के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने प्रयागराज में मीडिया से बात करते हुए योगी सरकार पर कटाक्ष किया और महाकुम्भ के आयोजन की सराहना की।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने महाकुम्भ मेला परिसर में व्यवस्थाओं की आलोचना करते हुए योगी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “जब सपा की सरकार थी, हमें महाकुम्भ आयोजन का मौका मिला था। उस समय हमने कम संसाधनों में भी महाकुम्भ का आयोजन किया था।” इस बयान से साफ था कि अखिलेश यादव ने महाकुम्भ का आयोजन और प्रयागराज के विकास को लेकर योगी सरकार को घेरा।
इस तरह, अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुम्भ में स्नान कर एक ओर राजनीतिक संदेश दिया, जो उनके आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।