उत्तर प्रदेश के बागपत में मंगलवार को जैन निर्वाण महोत्सव के दौरान एक दर्दनाक हादसा हुआ। लड्डू समारोह के दौरान बांस और लकड़ी से बना अस्थायी मंच अचानक गिर गया, जिससे 5 लोगों की मौत हो गई और महिलाओं तथा बच्चों सहित 40 लोग घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस के अनुसार, भगवान आदिनाथ को लड्डू चढ़ाने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे। भारी भीड़ के कारण अस्थायी मंच का भार सहन नहीं कर पाया और वह ढह गया। इस हादसे में कई लोग मलबे में फंस गए।
जिला प्रशासन का बयान
बागपत की जिला मजिस्ट्रेट अस्मिता लाल ने कहा, “यह कार्यक्रम पिछले 30 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस हादसे में 40 लोग घायल हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्राथमिक उपचार के बाद 20 लोगों को छुट्टी दे दी गई है।”
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए अधिकारियों को इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।
तिरुपति भगदड़ मामला: एक और दुखद घटना
आंध्र प्रदेश में भगदड़
इस महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के पास भी एक दर्दनाक घटना घटी। मुफ्त दर्शन पास के लिए इकट्ठा हुए हजारों श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा?
जिला कलेक्टर एस. वेंकटेश्वर ने बताया, “भगदड़ तब हुई जब गेट खोला गया। करीब 2,500 लोगों ने गेट पर धक्का देकर अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे कई लोग गिर गए।”
मुख्यमंत्री का कदम
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने उच्च अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य करने और घायलों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया। उन्होंने अगले दिन घटनास्थल का दौरा कर उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया।
बागपत और तिरुपति की घटनाएं धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और प्रबंधन की कमी को उजागर करती हैं। ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए बेहतर योजना और सुरक्षा इंतजामों की आवश्यकता है। धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण और बुनियादी ढांचे की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।