माघ महीने में आने वाली अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है। इस दिन को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस साल मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान का आयोजन होगा। इसलिए इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है।
मौनी अमावस्या पर मौन रखने का कारण
मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का विधान है। साधक इस दिन मौन रहकर व्रत करते हैं, जो मुख्यतः आत्मसंयम और मानसिक शांति के लिए किया जाता है। यह व्रत साधु-संतों के द्वारा भी किया जाता है, क्योंकि मौन रहकर मन को नियंत्रित करना और ध्यान में एकाग्रता लाना सरल हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मौन व्रत से व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसके माध्यम से वाणी की शुद्धता और मोक्ष की प्राप्ति संभव है। यह व्रत आत्मिक शांति और साधना में गहराई लाने का एक सशक्त माध्यम है।
मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए कई विशेष उपाय किए जाते हैं। इस दिन दिन पितृ दोषों से मुक्ति पाने के लिए उपाय किए जाते हैं। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या का दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्यों के लिए उत्तम समय होता है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के कुछ उपाय…
मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान के कार्यों के साथ सूर्यदेव की पूजा का बड़ा महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है और धन-धान्य का भंडार भरा रहता है।
मौनी अमावस्या के दिन शाम को तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और पौधे की 108 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के समस्त दुखों का नाश होता है।
मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष और सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए भी उपाय किए जाते हैं। इसके लिए चांदी के नाग-नागिन की पूजा करें और इसे सफेद फूलों के साथ बहती नदी में प्रवाहित कर दें।
मौनी अमावस्या के दिन पशु-पक्षियों को भोजन खिलाना चाहिए। इस दिन चीटियों को आटे में शक्कर मिलाकर खिलाएं। मछलियों का आटे की गोलियां खिलाएं और पक्षियों के लिए छत पर दाना-पानी रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करवा सकते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन शाम को ईशान कोण में लाल रंग के धागे को बाती बनाकर गाय के घी में दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत आती है।
मौनी अमावस्या के दिन राहु, केतु और शनि समेत ग्रह दोषों के निवारण के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न,धन और वस्त्र का दान कर सकते हैं।