प्रयागराज में जारी महाकुंभ के दौरान बुधवार 29 जनवरी को संगम नोज पर भगदड़ मचने से कई श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा मौनी अमावस्या के अवसर पर हुआ, जब लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम के तट पर पहुंच रहे थे। संगम नोज को स्नान के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। श्रद्धालु यहां स्नान करने के लिए विशेष रूप से आते हैं।
संगम नोज पर बढ़ती भीड़
संगम नोज का नाम इसके आकार के कारण पड़ा है। यह स्थल हर साल महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं से भर जाता है, और यहां की भीड़ हमेशा बहुत भारी होती है। 2019 में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इस क्षेत्र का विस्तार किया गया था। पहले यहां प्रति घंटे 50,000 लोग स्नान कर सकते थे, लेकिन इस साल इस संख्या को बढ़ाकर 2 लाख तक कर दिया गया।
घटनास्थल पर भगदड़
संगम नोज पर बुधवार को भारी संख्या में लोग स्नान के लिए पहुंचे, जिससे स्थिति असंतुलित हो गई और भगदड़ मच गई। प्रशासन ने कई रास्ते खोले और भीड़ को डायवर्ट करने की कोशिश की। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
उत्तर प्रदेश सरकार की अपील
संगम पर मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और साधु संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज जाने से बचें और आसपास के घाटों पर स्नान करें। मेला क्षेत्र में स्नान के लिए पर्याप्त घाट तैयार किए गए हैं।
महाकुंभ में हर साल भारी भीड़ उमड़ती है, और प्रशासन द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं। संगम नोज के महत्व को ध्यान में रखते हुए, श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए श्रद्धापूर्वक स्नान करें।