प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भगदड़ में अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इसे बेहद दुखद हादसा बताते हुए सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पीएम मोदी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद में जुटा हुआ है, और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है, साथ ही वे लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
मौनी अमावस्या: महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन
मौनी अमावस्या पर होने वाला स्नान महाकुंभ का सर्वाधिक महत्वपूर्ण आयोजन होता है। इस दिन करीब दस करोड़ लोग गंगा में डुबकी लगाने की संभावना रखते हैं। इस वर्ष, 144 वर्षों के बाद त्रिवेणी योग नामक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है।
भगदड़ के बाद प्रशासन का त्वरित कदम
महाकुंभ के दौरान, आधी रात के बाद करीब दो बजे, लाउडस्पीकर से मंत्रों और श्लोकों के निरंतर उच्चारण के बीच भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दौरान संगम की ओर दौड़ती एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के तेज सायरन की आवाजें गूंज उठीं। घायलों को मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी घायलों की मदद के लिए वहां पहुंचे।
संगम का धार्मिक महत्व
त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, हिंदू धर्म में सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान और विशेषकर मौनी अमावस्या जैसी तिथियों पर संगम में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।