चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनकी “जहरीले पानी” टिप्पणी के लिए फिर से नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनसे 31 जनवरी तक पांच सवालों का जवाब देने को कहा है। केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार यमुना के पानी में जहर मिला रही है, जिससे दिल्लीवासियों को खतरा हो सकता है।
केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को जवाब देते हुए कहा कि उनका बयान सार्वजनिक कर्तव्य को पूरा करने के लिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार द्वारा यमुना नदी में रसायन मिलाए जा रहे हैं, जिससे पानी जहरीला हो रहा है। उनका यह बयान दिल्ली के नागरिकों के लिए सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का एक कदम था।
जल बोर्ड का खंडन
दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने इस मामले में केजरीवाल के दावों का खंडन किया था और उन्हें तथ्यात्मक रूप से गलत बताया। हालांकि, केजरीवाल ने चुनाव आयोग को अपने जवाब में सीईओ के पत्र में दिए गए अमोनिया स्तर की तालिका का हवाला दिया, ताकि अपने आरोपों को साबित कर सकें।
चुनाव आयोग के सवाल
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से यह सवाल पूछा कि उनके आरोपों को साबित करने के लिए उनके पास क्या तथ्यात्मक प्रमाण हैं। आयोग ने यह भी पूछा कि यमुना में मिलाए गए जहरीले रसायन की प्रकृति और मात्रा क्या थी, जिससे संभावित रूप से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो सकते थे।
भाजपा और कांग्रेस की शिकायत
इससे पहले, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि केजरीवाल ने गंभीर और झूठे आरोप लगाए हैं, जो कि चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकते हैं।