नई दिल्ली(नेशनल थॉट्स)- साल भर के दौरान तैराकी की दुनिया में बनने बिगड़ने वाले देश-विदेश के किर्तीमानों को संजोकर एक साथ प्रस्तुत करने में लगी दिल्ली की विख्यात अंतर्राष्ट्रीय तैराक डॉ. मिनाक्षी पाहुजा। डॉ. मिनाक्षी पाहुजा द्वारा लिखित वी.के पाहुजा स्विमिंग स्टेटिक बुलेटिन के 43वें संस्करण का अनावरण एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय द्वारा इंडियन इंटरनेशनल सेंटर में किया गया।
43वें संस्करण के अनावरण कार्यक्रम में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बिक्रम केसारी मोहंती, वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश थपलियाल, राजेंद्र सजवान (वरिष्ठ, खेल पत्रकार) के अलावा तैराकी के वरिष्ठ कोच संजय बिष्ट मुख्य रूप से उपस्थित रहे। वहीं तैराकी में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी व उनके अभिभावकों भी काफी संख्या में उपस्थित हुए।
गौरतलब है कि स्विमिंग स्टेटिक बुलेटिन स्व.श्री वी.के पाहुजा को श्रद्धांजली भी है, क्योंकि इस बुलेटिन की शुरुआत स्व.श्री वी.के पाहुजा ने आज से 43 वर्ष पहले की थी। श्री पाहुजा अपने समय में देश के बेहतरीन तैराक और वाटर पोलॉ के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन में इस पुस्तक के लगभग 35 संस्करण पूर्ण निष्ठा के साथ निकाले, उनके बाद इस जिम्मेदारी को उनकी बेटी डॉ. मीनाक्षी पाहुजा आज बखूबी निभा रही हैं। डॉ. मीनाक्षी पाहुजा भी आज तैराकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखती हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
एनडीएमसी उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने स्व.श्री वी.के पाहुजा को याद करते हुए कहा कि हमें अपने देश के ऐसे दूरदर्शी खिलाड़ी पर नाज है, जिन्होंने खिलाड़ी होते हुए आने वाले नए खिलाड़ियों को नए कीर्तिमान स्थापित करने हेतु पहले से अपने को किस प्रकार तैयार करें, कि मंजिल मिले और देश का नाम रौशन हो। इस प्रकार की सोच के साथ उस जमाने में स्विमिंग स्टेटिक बुलेटिन बनाने की सोची जब पुस्तक निकालना और उसके बारे में सामग्री जुटाना इतना आसान नहीं था।
स्विमिंग स्टेटिक बुलेटिन तैयार करके उसे खिलाडियों तक पहुंचाने का कार्य स्व.श्री वी.के पाहुजा का एक ऐतिहासिक और सहासिक कदम था। आज उनके इस सपने को साकार करने में उनकी बेटी डॉ. मीनाक्षी पाहुजा पूरी ईमानदारी से काम रह रही हैं, जो काबिले तारीफ है। यह पुस्तक तैराकी के सभी खिलाड़ियों व कोच के लिए हितकारी है। सतीश उपाध्याय ने यहां उपस्थित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट् रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया।