दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की हार के एक महीने बाद उनकी सुरक्षा में संभावित बदलाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस की सुरक्षा इकाई ने गृह मंत्रालय से यह सवाल किया है कि क्या केजरीवाल को दी गई सुरक्षा को जारी रखा जाना चाहिए या इसमें कटौती की जानी चाहिए।
गृह मंत्रालय को भेजा गया पत्र
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा इकाई ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा है, जिसमें केजरीवाल की वर्तमान सुरक्षा स्थिति पर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है। वर्तमान में, केजरीवाल को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा कवर प्राप्त है, जो गृह मंत्रालय द्वारा खतरे के आकलन के आधार पर प्रदान किया जाता है, जबकि दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें ‘Z कैटेगरी’ सुरक्षा दी जाती है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल और संभावित बदलाव
प्रोटोकॉल के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री को Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलती है, जिसे खतरे के आकलन के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। 2024 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी, गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बरकरार रखी थी। अब गृह मंत्रालय को यह निर्णय लेना है कि क्या मौजूदा सुरक्षा को बनाए रखा जाए या इसमें संशोधन किया जाए।
सुरक्षा एजेंसियों का खतरा आकलन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “गृह मंत्रालय के निर्देश पर सुरक्षा एजेंसियां VIP और VVIP व्यक्तियों के खतरे का आकलन करती हैं।” सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा इकाई ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय (PHQ) को एक पत्र भेजा है, जिसमें मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी गई है और इस पर निर्णय मांगा गया है। जल्द ही यह पत्र गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।
अन्य नेताओं की सुरक्षा पर भी विचार
सूत्रों के अनुसार, केवल केजरीवाल ही नहीं, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी की Z श्रेणी सुरक्षा को लेकर भी गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। इसमें पूछा गया है कि क्या उनकी सुरक्षा को जारी रखा जाए या इसमें कटौती की जाए।
दिल्ली के अन्य नेताओं की सुरक्षा स्थिति
इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। वहीं, मंत्री रविंदर इंद्राज सिंह और पंकज सिंह को X श्रेणी की सुरक्षा मिली है। मनजिंदर सिंह सिरसा को Z श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जबकि प्रवेश साहिब सिंह, कपिल मिश्रा और आशीष सूद को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गृह मंत्रालय जल्द ही फैसला ले सकता है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन के आधार पर तय किया जाएगा कि किसे कौन-सी सुरक्षा श्रेणी में रखा जाए। आने वाले दिनों में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।