राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए अपनी प्राथमिकताएं साझा की हैं। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में युवा आयोग का गठन किया जाएगा, जिससे युवाओं की समस्याओं का समाधान होगा। साथ ही, अधिवास नीति लागू कर नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
सरकारी नौकरी में राहत
तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ बड़े फैसले लेने की बात कही है:
सरकारी नौकरी के फॉर्म की फीस माफ होगी।
परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का यात्रा व्यय सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना
तेजस्वी यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को अब 75 वर्षीय मुख्यमंत्री नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “देश में नौकरियों और सेवाओं में सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है, तो बिहार के मुख्यमंत्री की आयु 75 वर्ष क्यों होनी चाहिए? युवा अब अस्वस्थ सरकार के बुजुर्ग नेतृत्व को स्वीकार नहीं करना चाहते।”
सरकार की नीतियों पर सवाल
तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार के युवा ओवरएज हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता के कारण युवाओं का भविष्य खतरे में है।
तेजस्वी और नीतीश कुमार में तीखी बहस
4 मार्च को बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में दावा किया कि उन्होंने लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक करियर को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
5 मार्च को तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए नीतीश कुमार पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार को दो बार मुख्यमंत्री बनाने और उनकी पार्टी को बचाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
बिहार के युवा रोजगार और शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों से जूझ रहे हैं। तेजस्वी यादव ने अपने बयानों में युवाओं को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाने का भरोसा दिलाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति में इन घोषणाओं का क्या प्रभाव पड़ता है।