चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है ताकि बीते अनुभवों से सीख लेते हुए भविष्य की राह तय की जा सके और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिले। उन्होंने कहा कि भारत और चीन इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
सकारात्मक प्रगति का दावा
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांग यी ने कहा कि बीते वर्ष भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति हुई है। उन्होंने अक्टूबर में रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक को याद करते हुए कहा कि यह वार्ता द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन लेकर आई।
साझेदारी को बताया ज़रूरी
भारत को चीन का सबसे बड़ा पड़ोसी बताते हुए वांग यी ने कहा कि दोनों देशों को सहयोगी के रूप में काम करना चाहिए, जिससे पारस्परिक विकास को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, “ड्रैगन और हाथी का साथ आना दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।”
परस्पर सहयोग पर दिया ज़ोर
वांग यी ने कहा कि भारत और चीन दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं, इसलिए दोनों को एक-दूसरे के विकास और पुनरुद्धार में सहयोग देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिससे दोनों देशों और उनके नागरिकों को लाभ मिले।