गुजरात में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस पूरी तरह कमर कस चुकी है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूर्व अध्यक्षों, विपक्ष के पूर्व नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यों, जिला व शहर अध्यक्षों और विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की।
इसके अलावा, राहुल गांधी ने अहमदाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा:“गुजरात में कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाना होगा। जब तक हम यह नहीं करेंगे, जनता हमें चुनाव नहीं जिताएगी।”
गुजरात ने दिया कांग्रेस को नेतृत्व
राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा:“जब कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों का सामना किया, तब हमें एक सशक्त नेतृत्व की तलाश थी। यह नेतृत्व दक्षिण अफ्रीका से नहीं, बल्कि गुजरात से मिला। गांधी जी के बिना कांग्रेस भारत को आज़ादी नहीं दिला पाती और गुजरात के बिना गांधी जी नहीं होते।”
उन्होंने गुजरात को कांग्रेस की विचारधारा का केंद्र बताते हुए कहा कि इसी भूमि ने संगठन को सही दिशा दिखाई।
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से जाना ज़मीनी हालात
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ नेताओं, जिला और ब्लॉक अध्यक्षों से मुलाकात कर जमीनी हकीकत समझने की कोशिश की। इस दौरान गुजरात की राजनीति, सरकार की नीतियों और जनता की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई।“मैं यहां सिर्फ कांग्रेस पार्टी के लिए नहीं आया हूं, बल्कि गुजरात के युवाओं, किसानों, महिलाओं और छोटे व्यापारियों की आवाज़ बनने के लिए आया हूं।”
कांग्रेस ने गुजरात में चुनावी रणनीति को धार देने के लिए बड़े स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है। राहुल गांधी का मकसद संगठन को मजबूत करना और जनता के मुद्दों को उठाकर भाजपा को चुनौती देना है। अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस इस रणनीति के दम पर कितना प्रभाव छोड़ पाती है।