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“India-China विवाद में रूस किसके पक्ष में? जानकर रह जाएंगे हैरान!”

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भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। गलवान घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि वह हर चुनौती का सख्ती से जवाब देगा। हालांकि, हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो गई है, सहयोग बढ़ रहा है और सीमावर्ती इलाकों से सैनिक पीछे हटने लगे हैं।

रूस की राय: टकराव नहीं, सहयोग जरूरी

इसी बीच, इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव से पूछा गया कि भारत-चीन विवाद में रूस किसका समर्थन करेगा? इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस टकराव के बजाय सहयोग को प्राथमिकता देता है। उनका कहना था कि यूरेशिया में भारत, चीन और रूस तीन बड़े देश हैं और उनके बीच त्रिपक्षीय सहयोग (Trilateral Format) सबसे महत्वपूर्ण है।

रूस की भूमिका: मध्यस्थता और सहयोग

रूसी राजदूत ने कहा कि रूस चाहता है कि भारत और चीन के बीच विश्वास बढ़े और यदि दोनों देशों को जरूरत महसूस हो, तो रूस एक सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस किसी का पक्ष नहीं लेगा, बल्कि एक अच्छी लॉबी की तरह काम करेगा।

भारत-रूस संबंधों का महत्व

अलीपोव ने भारत-रूस के ऐतिहासिक और मजबूत रिश्तों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति में आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता झलकती है, और रूस इसका सम्मान करता है।

रूस की रणनीतिक सोच

रूस का मानना है कि भारत और चीन के बीच सहयोग बढ़ने से क्षेत्रीय स्थिरता कायम होगी। हालांकि, अगर भारत-चीन तनाव कम होता है, तो रूस के हथियारों की बिक्री पर असर पड़ सकता है। लेकिन अगर यह त्रिपक्षीय सहयोग मजबूत होता है, तो यूरोप और अमेरिका की चिंताएं बढ़ जाएंगी, जिससे रूस के कई रणनीतिक लक्ष्य आसानी से पूरे हो सकते हैं।

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