नई दिल्ली – भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मुख्य रूप से अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) के माध्यम से अपराधों की रोकथाम, जांच और अभियोजन की जिम्मेदारी निभाते हैं। इसमें साइबर अपराधों से निपटने और पुलिस स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का कार्य भी शामिल है। केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस दिशा में सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
साइबर अपराध नियंत्रण के लिए उठाए गए प्रमुख कदम
देश में साइबर अपराधों से समन्वित और प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
1. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक संलग्न कार्यालय के रूप में ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (I4C) की स्थापना की है।
2. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
सरकार ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया है, जहां आम जनता साइबर अपराधों की शिकायत दर्ज कर सकती है। इस पोर्टल पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग को विशेष प्राथमिकता दी जाती है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस पोर्टल का उपयोग कर रहे हैं।
3. नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली
वर्ष 2021 में ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ शुरू की गई, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी को रोका जा सके। अब तक 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है। इसके लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 भी शुरू किया गया है।
4. राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला
नई दिल्ली में अत्याधुनिक ‘राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच)’ की स्थापना की गई है, जो राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करती है। अब तक इस प्रयोगशाला ने 11,835 से अधिक मामलों में सहायता दी है।
5. साइबर अपराध जांच प्रशिक्षण (CITRAN पोर्टल)
साइबर अपराध जांच, फोरेंसिक और अभियोजन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए ‘साइट्रेन’ पोर्टल विकसित किया गया है। इसके माध्यम से 1,02,276 से अधिक पुलिस अधिकारी पंजीकृत हुए हैं और 79,904 से अधिक प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
6. साइबर फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाएँ
गृह मंत्रालय की CCPWC (Cyber Crime Prevention against Women and Children) योजना के तहत, राज्यों को साइबर फोरेंसिक प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता दी गई। अब तक 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं और 24,600 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।
7. साप्ताहिक ऑनलाइन सहकर्मी-शिक्षण सत्र
नए साइबर अपराध खतरों से निपटने के लिए हर शुक्रवार को कानून प्रवर्तन एजेंसियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के लिए ऑनलाइन सहकर्मी-शिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं। अब तक 98 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं।
8. आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
अब तक 3,785 से अधिक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों, लोक अभियोजकों और फोरेंसिक वैज्ञानिकों को आवासीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
यह जानकारी गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी। PIB