नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स ) – 28 september को इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष दिन है। पूरी दुनिया में 28 september को Eid Milad-Un-Nabi का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्योहार को महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है, क्योंकि यह पैगम्बर मुहम्मद से संबंधित है। इस दिन, इस्लाम धर्म के अनुयायी अल्लाह की इबादत के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं, और वे अपने घरों और मस्जिदों में पवित्र कुरान पढ़ते हैं और एक-दूसरे को गले लगाकर Eid Milad-Un-Nabi की मुबारकबाद देते हैं। इस दिन को माना जाता है कि पवित्र कुरान के पठन से अल्लाह का आशीर्वाद बरसता है। चलिए, हम ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का इतिहास और महत्व के बारे में जानते हैं।
Eid Milad-Un-Nabi कब मनाई जाती है?
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईद मिलाद उन नबी का त्योहार तीसरे महीने में, रबी-उल-अव्वल के 12 वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष, 28 सितंबर को ईद मिलाद उन नबी का त्योहार मनाया जा रहा है।ईद-ए-मिलाद क्यों मनाई जाती है?
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से ही इस त्योहार का मतलब स्पष्ट हो जाता है। इस अरबी शब्द का अर्थ होता है ‘जन्म’ और ‘मिलाद-उन-नबी’ का अर्थ होता है ‘हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म’। माना जाता है कि इसी दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था। इस्लाम धर्म के अनुयायी इसे महत्वपूर्ण त्योहार मानते हैं, लेकिन इसमें कुछ मतभेद भी होते हैं।
पैगम्बर हजरत मुहम्मद कौन थे?
Prophet Hazrat Muhammad का जन्म 570 ईसवी में अरब के मक्का शहर में हुआ था। उनके जन्म से पहले ही उनके पिता का देहांत हो गया था, और वे बचपन में ही मां की मौत से गुजरने के दुख में थे। पैगम्बर मोहम्मद इस्लाम के महान नबी थे और उन्हें माना जाता है कि अल्लाह ने उन्हें अपने संदेशवाहक के रूप में चुना था, इसलिए वे अपने पूरे जीवन में अल्लाह के संदेश को फैलाने और कुरान की शिक्षा को प्रसारित करने का कार्य करते रहे थे।