नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : जीएसटी दिल्ली क्षेत्र के तहत सीजीएसटी दिल्ली पश्चिम आयुक्तालय ने फर्जी पंजीकरण के खिलाफ विशेष अभियान के अंतर्गत जांच के तहत एक इकाई के विश्लेषण पर पाया कि एक ही पते पर कई संस्थाएं पंजीकृत हैं, जिसमें सत्यापन के दौरान उक्त पता मौजूद पाया गया था, लेकिन उक्त परिसर के मालिक ने किसी भी फर्म के अस्तित्व के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया। आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण से पता चला कि उक्त पते से माल की कोई आवाजाही नहीं हुई थी।
तदनुसार, डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके दिल्ली में कई स्थानों पर खोज की गई और यह पाया गया कि शिवा नाम का एक व्यक्ति ऋण स्वीकृत कराने के बहाने लोगों से केवाईसी क्रेडेंशियल प्राप्त कर रहा है और बाद में फर्मों को बेच रहा है। आगे की खोज से पता चला कि शिवा ने 30 से अधिक फर्जी फर्में बनाई हैं और उन्हें प्रीमियम पर नकद में बेचा है। उसने यह भी कहा कि भौतिक सत्यापन से बचने के लिए, उसने इन जीएसटी पंजीकरणों को प्राप्त करने के लिए आधार प्रमाणीकरण का उपयोग किया।
इन कई कंपनियों को 50 करोड़ से अधिक की अयोग्य आईटीसी प्राप्त करने/आगे बढ़ाने का दोषी पाया गया। तदनुसार, शिवा ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 का उल्लंघन किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आगे की जांच जारी है।