नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स ) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए स्मृति चिन्हों की e-auction की शुरुआत हो चुकी है। इस स्मृति चिन्हों की नीलामी से जुटा हुआ धन पवित्र गंगा नदी के पुनर्जीवन के लिए नमामि गंगे परियोजना को दान किया जाएगा।
स्मृति चिन्हों की auction – 100 रुपये से 65 लाख रुपये तक के स्मृति चिन्ह
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री इस तरह की पहल कर रहे हैं, और इस बार का 5वां संस्करण है। इसमें 100 रुपये से लेकर 65 लाख रुपये तक के स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। नई दिल्ली के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में ऐसे स्मृति चिन्हों की एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है। इसमें 150 से अधिक उल्लेखनीय स्मृति चिन्ह हैं, जो राष्ट्र की सांस्कृतिक जीवंतता की झलक प्रदान करते हैं।
पीएम मोदी ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में जानकारी दी है, कहते हुए कि नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट केंद्र में हाल के दिनों में मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। ये उपहार भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक विरासत का प्रमाण हैं।
इस वेबसाइट पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन
पीएम मोदी के लिए प्रदान किए गए उपहारों की ई-नीलामी का इस संस्करण 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक वेब पोर्टल https://pmmementos.gov.in के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। व्यक्ति और संगठन वेब पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं। प्रदर्शनी का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक है।
ई-नीलामी में 912 वस्तुएं शामिल
केंद्रीय संस्कृति मंत्री, मीनाक्षी लेखी, ने जानकारी दी कि इस बार की ई-नीलामी सफल नीलामी की श्रृंखला का पांचवां संस्करण है, जिसमें पिछले 4 संस्करणों में 7,000 से ज्यादा वस्तुएं ई-नीलामी के लिए रखी गई थीं, और इस बार ई-नीलामी में 912 वस्तुएं शामिल हैं। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन को इस महान कार्य में योगदान देने के लिए लगाया जाएगा और यह अमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
ई-नीलामी के स्मृति चिन्ह
ई-नीलामी के लिए उपलब्ध स्मृति चिन्हों का विभिन्न संग्रह पारंपरिक कलाओं की एक ज्वलंत श्रृंखला को प्रदर्शित करता है, जिसमें चित्र, जटिल मूर्तिकला, स्वदेशी हस्तशिल्प, और आकर्षक लोक एवं जनजातीय कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं को सामान्य रूप से सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में दिया जाता है, जिसमें पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, हेडगियर, और औपचारिक तलवारें शामिल हैं। इस ई-नीलामी की उत्कृष्ट कलाकृतियों में मोढ़ेरा सूर्य मंदिर और चित्तौड़गढ़ के विजय स्तंभ जैसे वास्तुशिल्प प्रतिकृतियां शामिल हैं। चंबा रूमाल, पट्टचित्र, ढोकरा कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय सामग्रियां स्थायी और गहन सांस्कृतिक सार को दर्शाती हैं, जो हमारे विविध समुदायों के मूर्त और अमूर्त दोनों पहलुओं को दर्शाते हैं।