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उद्योग संगठनों को सेवा सुधार समूह को सक्षम बनाने वाले ‘ई लॉग्स प्लेटफॉर्म’ के इस्तेमाल पर विचार करना चाहिए

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द्योग संघों को ई-लॉग्स प्लेटफॉर्म पर आना चाहिए और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अनुरूप फास्ट ट्रैक मोड पर सेवा निवेश समूह (एसआईजी) को इन मुद्दों को संबोधित करने में मदद करने के लिए अपने मुद्दों पर विचार-विमर्श करना चाहिए। यह बात उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), लॉजिस्टिक्स प्रभाग की विशेष सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने कल नई दिल्ली में आयोजित एसआईजी की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक के दौरान, व्यापार को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों का सभी हितधारकों की संतुष्टि के लिए सफलतापूर्वक हल निकाला गया है।

एसआईजी का सर्वोच्च एजेंडा एक ओर विभिन्न व्यापार/उद्योग संघों की सक्रिय भागीदारी हासिल करना और दूसरी ओर उनमें जबरदस्त आत्मविश्वास पैदा करना था। बैठक के दौरान पिछली बैठकों में उठाए गए मुद्दों पर अनुवर्ती कार्रवाई के अलावा उद्योग संघों द्वारा उठाए गए नए मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।

विशेष रूप से, ई लॉग्स पोर्टल पर अब तक 29 उद्योग/व्यावसायिक संघों को सूचीबद्ध किया गया है और उन्हें उनके शीघ्र समाधान के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत संबंधित लाइन विभागों के साथ सीधे अपने मुद्दों को उठाने के लिए उपयोगकर्ता आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है।

याद रहे कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति लॉन्च की थी। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के विभिन्न उद्देश्यों में से सबसे महत्वपूर्ण भारत में लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानित 14% से कम करके 2030 तक लगभग 8% के वैश्विक सर्वश्रेष्ठ तक लाना है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय वस्तुओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और क्षेत्र में आर्थिक विकास और नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देना है।

यह भी परिकल्पना की गई है कि नीति संपूर्ण लॉजिस्टिक्स ईकोसिस्टम के विकास के लिए एक व्यापक, बहु-क्षेत्राधिकार, क्रॉस-फ़ंक्शनल ढांचे की सुविधा प्रदान करेगी और उच्च लागत और अक्षमता की चिंताओं का समाधान करेगी।

एसआईजी की स्थापना लॉजिस्टिक्स डिवीजन, डीपीआईआईटी में की गई थी, जिसमें विशेष सचिव, लॉजिस्टिक्स इसके अध्यक्ष और संयोजक और संयुक्त सचिव, लॉजिस्टिक्स इसके नामित सदस्य सचिव थे। एसआईजी में 13 संबंधित मंत्रालयों के नोडल अधिकारी शामिल हैं जिनमें राजस्व विभाग, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग और नीति आयोग के सदस्य शामिल हैं। एसआईजी ‘ई लॉग्स’ नामक एक सक्षम तकनीकी मंच के माध्यम से पंजीकृत हितधारकों के साथ बातचीत करता है, जहां लॉजिस्टिक्स से संबंधित उद्योग संघों को एसआईजी के हस्तक्षेप की आवश्यकता वाले मुद्दों/समस्या के बिंदुओं को पोस्ट करने के लिए पहुंच प्रदान की जाती है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), एसोसिएशन ऑफ मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (एएमटीओआई), कंटेनर शिपिंग लाइन्स एसोसिएशन (सीएसएलए), इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन (आईएलएसए) और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट एसोसिएशन (एफआईईओ) जैसे प्रमुख संगठन। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के ऐसे कई प्रतिष्ठित उद्योग संघों में से कुछ हैं जो वर्तमान में व्यापार से संबंधित मुद्दों के निवारण के लिए एसआईजी के साथ जुड़ रहे हैं। इसलिए ई लॉग्स पोर्टल का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुशासन और हितधारक आउटरीच में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों का उपयोग करना है।

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