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Chhath Puja 2023: छठ पूजा इन 5 चीजों के बिना है अधूरी, कहीं निष्फल ना हो जाए व्रत

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) : इस साल, 17 नवंबर से भारतवर्ष में छठ पूजा का आयोजन हो रहा है। यह पर्व सूर्य पुत्री छठी मैया और सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष है, जो चार दिनों तक चलता है। पहले दिन को “नहाय खाय” कहा जाता है, जिसमें व्रती व्यक्ति 18 घंटे या इससे अधिक समय तक निर्जला व्रत रखता है, जिसका अर्थ होता है कि व्रती को अन्न और जल का त्याग करना होता है।

छठ पूजा की सामग्री और नियम अन्य व्रतों से अलग होते हैं और इसमें कुछ विशेष चीजें हैं, जो इसे संपूर्ण बनाती हैं। यहां हैं 5 ऐसी चीजें जो छठ पूजा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और जिनका पालन करना अनिवार्य है:


इन 5 चीजों के बिना अधूरी है छठ पूजा

1. लौकी, चने की दाल और चावल
छठ पूजा का प्रारंभ नहाय खाय से होता है. पहले दिन लौकी, चने की दाल और चावल का महत्व है. व्रत रखने वाले को नहाय खाय के दिन भोजन में यही ग्रहण करना होता है. हर व्रती के लिए यही भोजन बनता है.

2. नारियल और सूप
वैसे तो छठ पूजा की कई सामग्री हैं, जिनका उपयोग होता है. लेकिन छठ पूजा में नारियल और सूप का होना अनिवार्य है. इसके बिना सूर्य देव को अर्घ्य नहीं दिया जा सकता है. सूर्य देव को जब अर्घ्य देते हैं तो सूप में ही नारियल और अन्य सामग्री रखकर जल से अर्घ्य देते हैं.

 
3. ठेकुआ और केला
छठ पूजा के प्रसाद का मुख्य हिस्सा ठेकुआ है, जो काफी प्रसिद्ध है. प्रसाद में ठेकुआ का होना जरूरी है. व्रती इसे खरना के दिन बनाते हैं. छठ पूजा में केला जरूर रखते हैं.
 
4. सूर्य को अर्घ्य
छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देना अनिवार्य है, इसके बिना आपकी पूजा पूर्ण नहीं हो सकती. खरना के अगले दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और उसके अगली सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पारण करते हैं.

5. पीला सिंदूर या भाखरा सिंदूर
छठ पूजा में व्रती सुहागन महिलाएं पीला सिंदूर लगाती हैं. पीले सिंदूर को भाखरा सिंदूर भी कहते हैं. सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इस वजह से महिलाएं हर व्रत और त्योहार में पीला सिंदूर लगाती हैं.

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