आम आदमी पार्टी (AAP) ने महरौली विधानसभा क्षेत्र के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में महेंद्र चौधरी को नामांकित किया है। यह निर्णय आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर लिया गया है, जो अगले साल की शुरुआत में होने हैं। पार्टी के लिए यह चुनाव एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी, क्योंकि यह दिल्ली में पार्टी के शासन मॉडल और इसके मतदाताओं के बीच प्रभाव का परीक्षण करेगा।
नरेश यादव का चुनाव से इनकार
इससे पहले, महरौली से पार्टी के उम्मीदवार नरेश यादव ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने अपनी वापसी की घोषणा करते हुए कहा कि वह पार्टी में शामिल होने से पहले आदरणीय अरविंद केजरीवाल की ईमानदार राजनीति से प्रेरित थे। नरेश यादव ने कहा, “मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और झूठे हैं। जब तक अदालत मुझे बाइज्जत बरी नहीं कर देती, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।”
दरअसल, नरेश यादव को कुरान के अपमान के मामले में पंजाब की अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी, हालांकि वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। नरेश यादव ने यह भी कहा कि वह महरौली के लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे, लेकिन चुनाव नहीं लड़ेंगे।
AAP के वरिष्ठ नेताओं का नामांकन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत किया है और प्रमुख नेताओं को उनके पारंपरिक निर्वाचन क्षेत्रों से नामांकित किया है। सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, इमरान हुसैन, रघुविंदर शौकीन और मुकेश कुमार अहलावत क्रमशः ग्रेटर कैलाश, बाबरपुर, बल्लीमारान, नांगलोई जाट और सुल्तानपुर माजरा से चुनाव लड़ेंगे।
आगामी चुनाव AAP के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकते हैं। नरेश यादव के चुनाव से हटने और महेंद्र चौधरी के नामांकन ने पार्टी की रणनीति को प्रभावित किया है, लेकिन दिल्ली के मतदाता अब यह देखेंगे कि पार्टी अपने वादों और दावों के साथ कैसे आगे बढ़ती है।