नई दिल्ली – कोरोना काल के बाद से देश की प्राचीन विधा प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद,योग आदि के बारे मे देश मे ही नहीं बल्कि विदेशों मे भी लोगो की जरूरत बन गई है समयानुसार आज यह विधा को शौक के रूप मे भी लोग सीखना चाहते है और कुछ लोग मजबूरी .में भी सीखना चाहते है क्यों कि एलोपथी दवाइयां उनके जीवन पर बुरा प्रभाव डालने लगती है।
ऐसे मे एक ही विकल्प बचता है प्राकृतिक चिकित्सा जिससे आप बिना दवाई के निरोग कैसे रहेंगे …इसी प्रणाली को जन जन तक पहुंचाने के लिए देश के जाने माने प्राकृतिक चिकित्सक डॉ धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व मे दादी मां रुक्मणि देवी फाउंडेशन के तत्वावधान में प्राकृतिक चिकित्सा का शैक्षणिक सत्र 2024– 25 का आगाज पंजाबी बाग वेस्ट दिल्ली – 26 में किया गया ।
DMRDF के चेयरमैन डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता ने दीप प्रज्वलन कर शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ किया सत्र में आए हुए सभी अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए बताया की जीवन में दो ही लोग है जो सेवा करते है पहला गुरु और दूसरा चिकित्सक
आप सभी मानवता को बचाने के लिए मानवता के हित में अपने ज्ञान को अपनी कला को उपयोगी बनाए । उन्होंने कहा जब भी कक्षा में बैठे तो अपने गुरुजनों से प्रश्न जरूर पूछे क्योंकि जो प्रश्न करता है वह शीघ्र ही सीख भी जाता है ।
DMRDF के शिक्षा निदेशक डॉ. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया की इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र में प्रशिक्षण देने के लिए अलग-अलग विधाओं के विशेषज्ञ प्रशिक्षित करेंगे जिसमें डॉ. बी एस शर्मा, डॉ. एस के मलिक, डॉ. राम, श्री अनिल शर्मा, डॉ. सुरेंद्र अग्रवाल, मैडम सुमन लूथरा के साथ-साथ DMRDF के चेयरमैन डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता spiritual health पर विशेष प्रशिक्षण देंगे । इस सत्र में आए सभी अभ्यर्थियों को प्रत्येक माह सेल्फ ब्रांडिंग के लिए नेशनल थॉटस के संपादक रजनीकांत तिवारी के द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा ।
शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के बाद शैक्षणिक सत्र में आए सभी लोगों ने अपना पॉज़िटिव फीडबैक दिया ।