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गाजियाबाद,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “हृदयाघात कारण व बचाव” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 470 वाँ वेबिनार था।
मुख्य वक्ता डॉ.सुनील रहेजा (सी.एम.ओ.,जी.बी. पंत अस्पताल) ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से हृदयाघात से बचाव सम्भव है।अनियमित खान-पान,रहन सहन व व्यायाम से हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है।प्रात: 10 से शाम 5 बजे तक सैर का समय उपयुक्त रहता है क्योंकि धूप के कारण प्रदूषण कम होता है।
आजकल सुबह व रात की सैर से बचना चाहिए।उन्होंने कहा कि सादा संतुलित भोजन,व्यायाम प्राणायाम प्राण शक्ति बढ़ाते हैं।डांस करना,संगीत सुनना,हास्य योग करना,तनाव मुक्त रहना,मैदा से बचना,हरि सब्जी का प्रयोग, रिफाइंड तेल तेल से बचाव और सरसों के तेल प्रयोग करने की आवश्यकता है तभी हम अच्छा स्वस्थ जीवन यापन कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि चौ. चौधरी मंगल सिंह जी ने बताया कि हमारा मिशन 125 वर्ष तक जीवित रहने का है हम सांस पानी और भोजन तीनों आयामों को समझ लें तो हम 125 वर्ष तक क्या आगे भी स्वस्थ जीवित रह सकते हैं,जहां तक बात सांस की करते हैं तो हम आलस के वशीभूत होकर छोटा सांस लेते हैं जबकि प्रकृति ने हमें बड़ा सांस लेने की मशीन प्रदान की है,बहुत अधिक समय तक केवल छोटा सांस लेने की वजह से हमारे लंग्स सिकुड़ जाते हैं जिसकी वजह से वह पूरा कार्य नहीं करते तथा हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमेशा बनी रहती है
यदि हम आधा घंटा डीप ब्रीथिंग कर लें तो हम 24 घंटे के लिए रिचार्ज हो सकते हैं जहां तक बात पानी की है पानी हमारे शरीर को 75% तक प्रभावित करता है,जो भी पानी हम पीते हैं ना तो उसे कभी चेक करते हैं और ना ही कितना पानी पीना है, विषय पर विचार करते हैं, जिसकी वजह से शरीर में हमेशा पानी की कमी बनी रहती है,तथा शरीर के अंदर जमा हुए टॉक्सिंस बाहर नहीं निकल पाते,जब से हमारे देश में आर ओ का चलन हुआ है तब से बीमारियां ओर बढ़ी हैं
क्यों कि हमने आर ओ मशीन के द्वारा पानी का टी डी एस बहुत कम कर दिया है,जिसकी वजह से पीने का पानी एसिडिक हो जाता है जो कि हमारी पेन क्रिया,लीवर,किडनी,तथा शरीर के अन्य भागों को धीरे धीरे नुकसान पहुंचाता रहता है जिसके कारण से कुछ समय बाद हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है,जिससे हम धनवान होते हुए भी कंगाल की तरह जीवन व्यतीत करते रहते हैं जहां तक बात भोजन की है किसान जो भोजन पैदा करता है
वह कीटनाशक का प्रयोग करता है जिसकी वजह से हमारे खाने की चीजों में भी जहर आ जाता है जिसे हम कह सकते हैं कि हम खाने के साथ-साथ धीमा जहर भी खा रहे हैं जिसकी वजह से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जाती है,यही कारण है हमें बुखार, खांसी जुकाम फीवर तथा कोरोना जैसी महामारी घेर लेती है,अतः स्वस्थ जीने के लिए हमें तीनों आयामों पर काम करना होगा, सांस,पानी व भोजन।
आर्य नेता ओम सपरा (पूर्व मेट्रो पोलटन मैजिस्ट्रेट) ने अध्यक्षता की। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने गोष्ठी का संचालन किया व प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया कहां करो योग रहो निरोग। गायक रविन्द्र गुप्ता, कुसुम भंडारी, प्रवीना ठक्कर, पिंकी आर्य,कमलेश चांदना, ईश्वर देवी, जनक अरोडा आदि के मधुर भजन हुए।