आखिर कौन है महंत नरेंद्र गिरि, जानिए प्रारम्भिक जीवन से लेकर महंत बनने तक का सफर
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कौन है महंत नरेंद्र गिरी ?
न्यूज डेस्क : देश के जाने माने महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की पिछले सोमवार मृत्यु हो गई थी | पुलिस द्वारा बताया जा रहा है की उनकी मौत फांसी लगाने की वजह से हुई है | आइए जानते है उनके प्रारम्भिक जीवन के बार में जानते है : –
कहाँ है इनका परिवार ?
करोड़ों की संपत्ति वाले बाघंबरी मठ के महंत रहे नरेंद्र गिरि के परिवार में 61 लोग हैं, लेकिन इनके परिवार में आधे से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं। महंत गिरि से ये लोग साल में एक-दो बार मिलते तो थे, लेकिन सिर्फ आशीर्वाद ही ले पाते थे |प्रयागराज से करीब 45 किमी दूर छतौना गांव में रहता है परिवार |
उनके बड़े भाई अशोक कुमार सिंह ने बताया की वह चार भाई और दो बहन हैं। नरेंद्र दूसरे नंबर के थे | महंत नरेंद्र गिरी ने 10वीं तक पढ़ाई की थी, 12वीं पास नहीं कर पाए थे। उन्होंने छठवीं से लेकर 9वीं तक की पढ़ाई अमीपुर में नाना-नानी के घर पर रहकर की।
महंत नरेंद्र गिरि के परिवार वालों को लगता है कि उन्होंने सुसाइड नहीं की बल्कि उनकी हत्या की गई है। और इसके पीछे बड़ी साजिश है। उनके भाई अशोक कुमार ने कहा कि अब देश की सबसे बड़ी एजेंसी जांच कर रही है तो सच्चाई सामने आ ही जाएगी।
20 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
नरेंद्र गिरि के बचपन का नाम नरेंद्र प्रताप सिंह था। 20 साल की उम्र में उन्होंने अचानक एक दिन घर छोड़ दिया था। इसके बाद साल 2001 में इलाहाबाद कुंभ में परिजनों को पता चला कि वो संत बन गए हैं। बाघंबरी मठ के महंत बनने के बाद परिजन साल में दो बार उनके दर्शन करने जाते थे, लेकिन घर छोड़ने के बाद फिर वो दोबारा कभी घर वापस नहीं आए।