नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन हर मां अपनी संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है, क्योंकि अहोई माता मां पार्वती का स्वरूप मानी जाती है। व्रत के दिन कई महिलाएं तारा दिखने तक अन्न-जल ग्रहण किए बिना निर्जला उपवास रखती हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करने से अहोई माता सभी की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।
पीपल के नीचे जलाएं दीपक
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है, इसलिए अहोई अष्टमी पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे तेल के 5 दीपक जलाएं। साथ ही संतान को सुखी जीवन के लिए कामना करें। इस उपाय से अहोई माता प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं।
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है, इसलिए अहोई अष्टमी पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे तेल के 5 दीपक जलाएं। साथ ही संतान को सुखी जीवन के लिए कामना करें। इस उपाय से अहोई माता प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं।
गाय को खाना खिलाएं
अहोई अष्टमी के दिन आप घर में जो भी खाना बनाएं, उसका कुछ हिस्सा गाय और बछड़े के लिए निकालकर रखें। बाद में यह भोजन उन्हें खिला दें। इससे अहोई माता प्रसन्न होंगी।
अहोई अष्टमी के दिन आप घर में जो भी खाना बनाएं, उसका कुछ हिस्सा गाय और बछड़े के लिए निकालकर रखें। बाद में यह भोजन उन्हें खिला दें। इससे अहोई माता प्रसन्न होंगी।
सफेद फूल अर्पित करें
अहोई अष्टमी के दिन पति-पत्नी मिलकर अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करें। फिर शाम के समय तारों को अर्घ्य दें और फिर पूजा करें। ऐसा करने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और संतान को सुखी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
घर में तुलसी का पौधा लगाएं
अहोई अष्टमी के दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और रोजाना इसकी विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करें। ऐसा करने से संतान के जीवन में खुशहाली आती है।