राकांपा नेता छगन भुजबल को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का दौर जारी है। कहा जा रहा है कि उन्हें नई महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने से नाराजगी है।
अजित पवार की प्रतिक्रिया
इस मामले पर राकांपा प्रमुख अजित पवार ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, “कभी-कभी नए लोगों को मौका देना पड़ता है। बेवजह गलतफहमियां पैदा करना ठीक नहीं है।”
केंद्र में मिल सकता है मौका
अजित पवार ने संकेत दिया कि 77 वर्षीय ओबीसी नेता छगन भुजबल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में कोई पद दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हमने वरिष्ठ नेताओं को केंद्र में मौका देने पर भी विचार किया है।”
कैबिनेट में नए चेहरों को मौका
अजित पवार ने कहा कि कुछ लोग इसलिए नाराज हैं क्योंकि उन्हें राज्य सरकार की कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया। लेकिन नए लोगों को मौका देना भी जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “राकांपा का राज्य और केंद्र स्तर पर भाजपा के साथ गठबंधन मजबूत है।”
भुजबल और मुख्यमंत्री की मुलाकात
नाराजगी के बीच, छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली। इसके बाद भुजबल ने कहा कि उन्होंने राज्य के राजनीतिक और सामाजिक माहौल पर चर्चा की। इस बैठक में उनके भतीजे समीर भुजबल भी मौजूद थे।
41 विधायकों के समर्थन पर नौ मंत्री
राकांपा के 41 विधायकों के समर्थन के बदले में पार्टी को महाराष्ट्र की महायुति सरकार में अब तक नौ मंत्री पद मिले हैं। अजित पवार ने यह भी साफ किया कि राज्य और केंद्र, दोनों ही स्तरों पर उनकी पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
अजित पवार के बयान और भुजबल की मुख्यमंत्री से मुलाकात ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का क्या समाधान निकलता है।