नई दिल्ली,न्यूज़ डेस्क (नेशनल थॉटस)::नेपाल में रविवार सुबह हुए विमान हादसे में अब तक 68 लोगों की मौत हो चुकी है। 68 पैसेंजर और चार क्रू मेंबर को ले जा रहा यति एयरलाइंस का ये प्लेन पोखरा एयरपोर्ट के पास लैंडिंग से पहले क्रैश हो गया। इस विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा थीं। बतौर को-पायलट ये उनकी आखिरी उड़ान थी। अगर वे प्लेन लैंड करा लेतीं तो उन्हें मेन पायलट का सर्टिफिकेट मिल जाता और वे कैप्टन के पद पर प्रमोट हो जातीं।
कैप्टन के पास 35 साल का अनुभव था, कई पायलट को ट्रेनिंग दे चुके थे
नेपाल में मौजूद हमारे सोर्स ने बताया कि अंजू सीनियर पायलट और ट्रेनर कैप्टन कमल केसी के साथ उड़ान पर गई थीं। कमल केसी को विमान उड़ाने का 35 साल का अनुभव था। वे कई पायलटों को ट्रेनिंग दे चुके थे। पायलट बनने के लिए कम से कम 100 घंटे के फ्लाइंग एक्सपीरियंस की जरूरत होती है। को-पायलट रहते हुए अंजू नेपाल के लगभग सभी एयरपोर्ट पर प्लेन लैंड करा चुकी थीं। पोखरा के लिए उड़ान भरते वक्त कैप्टन कमल केसी ने मेन पायलट की सीट पर उन्हें बैठाया था।
सीएएएन की समन्वय समिति, खोज एवं बचाव के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं। विमान में पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजरायल के एक-एक नागरिक सवार थे। विमान हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा :
यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी के जीवित बचने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि पोखरा में मौसम बिल्कुल ठीक था और विमान का इंजन भी अच्छी स्थिति में था। उन्होंने कहा हम नहीं जानते कि हवाई जहाज को क्या हुआ। वहीं, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने इस विमान दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए एक कमेटी का ऐलान किया है।
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के डायरेक्टर जनरल प्रेमनाथ ठाकुर ने बताया कि पोखरा में गिरे यति एयरलाइंस के विमान का पायलट आखिरी वक्त तक एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में था, लेकिन उसने टावर को नहीं बताया कि चीजें ठीक नहीं थीं। प्लेन उतरने ही वाला था, ठीक उसी समय क्रैश हो गया। हादसों की वजह का पता नहीं चल पाया है।