इस्तांबुल में हाल ही में हुए पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग के प्रतियोगिता में भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल किया। यह ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि भारतीय पहलवान किसी पहले पुरुष पहलवान के रूप में इस कोटे को हासिल नहीं कर पाए थे। अमन ने उम्मीदों को पूरा करते हुए अपने दोहरे अंक से जीत हासिल की और भारत को गर्वित किया। इसके अलावा, अमन ने अपने प्रतिद्वंद्वी को ‘टेक डाउन’ के बाद तकनीकी श्रेष्ठता से हराया और अपना दम दिखाया। उनकी इस उपलब्धि से उम्मीदें बढ़ी हैं कि वे भविष्य में भी भारत के लिए और अधिक सम्मान प्राप्त करेंगे।
इसके साथ ही, दीपक पूनिया ने यहां विश्व क्वालीफायर में पहले दौर में करारी हार के बाद क्वालीफिकेशन दौड़ से बाहर हो गए। यह अवसर उनके लिए निराशाजनक रहा, लेकिन उन्होंने भारत का नाम ऊँचा किया और एक सशक्त प्रदर्शन प्रस्तुत किया। इसके बावजूद, उन्हें अगले ओलंपिक के लिए अब और अधिक मेहनत करनी होगी।
सुजीत कलाल ने भी अपनी 65 किग्रा वर्ग में मेहनत और तकनीकी श्रेष्ठता से धाक जमाई। उन्होंने उज्बेकिस्तान और कोरिया के प्रतिद्वंद्वीयों को हराया, लेकिन अंततः क्वार्टरफाइनल में हार गए। यह उनके लिए एक संघर्षपूर्ण परिणाम था, लेकिन उन्होंने अपनी क्षमता और तैयारी का प्रदर्शन किया।
भारतीय पहलवानों का यह प्रयास व उपलब्धियों से भारत का नाम विश्व में ऊँचा किया जा रहा है। यह हमें गर्व महसूस कराता है और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।