केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल के अंत में शीतकालीन सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक पारित करने का ऐलान किया। हरियाणा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “इस कानून का विरोध करने वाले सीधे हो जाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्फ कानून से लोगों को समस्याएं हो रही हैं और शीतकालीन सत्र में इसमें आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
शाह ने स्पष्ट किया कि यह कदम वक्फ बोर्ड की समस्याओं को हल करने के लिए उठाया जा रहा है। पिछले महीने कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि केंद्र के वक्फ विधेयक का उद्देश्य समाज में विभाजन पैदा करना है, लेकिन शाह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस कानून का उपयोग वोट बैंक की राजनीति के लिए किया।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि “मुसलमान इस बिल का स्वागत करेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के सदस्य मौजूदा कानून का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ और अब नए कानून के तहत इसे रोकने का प्रयास किया जाएगा।
जमाल सिद्दीकी ने यह भी कहा कि कुछ लोग, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया है, इस बिल के विरोध में विदेश से समर्थन मांग रहे हैं। “उन्होंने पाकिस्तान में बैठे लोगों से इस बिल के खिलाफ ईमेल करवाया है,” सिद्दीकी ने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने की मांग की है।
शीतकालीन सत्र में **वक्फ संशोधन विधेयक** को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट है। इस बिल के आने से वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन की उम्मीद की जा रही है और विपक्ष की आपत्तियों के बावजूद, सरकार इसे पारित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।