केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के चेनानी में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह चुनाव सिर्फ चेनानी के लिए नहीं, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा चुनाव हो रहा है, जहां धारा 370 नहीं है और न ही कोई अलग झंडा।
अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला धारा 370 की वापसी की बात करते हैं। शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “न आप, न आपकी तीन पीढ़ियाँ धारा 370 को वापस ला सकेंगी।” उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाया है, तब से घाटी में शांति है और आतंकवाद की घटनाओं में भारी कमी आई है।
अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव तीन परिवारों के शासन को समाप्त करने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और नेहरू-गांधी परिवार ने 70 वर्षों तक जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को रोक रखा था। लेकिन मोदी सरकार ने यहां पंचायती चुनाव करवाकर 40,000 जनप्रतिनिधियों को लोकतंत्र का लाभ दिया है।
शाह ने उमर अब्दुल्ला पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि आतंकवाद को पाताल तक दफन करके ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसी फिर से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लाना चाहते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार है और किसी की हिम्मत नहीं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से पनपने दे।
अमित शाह ने उमर अब्दुल्ला पर आरोप लगाया कि वह संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु की फांसी का विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा, “उमर अब्दुल्ला साहब, आप आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते रहिए, लेकिन जो आतंक फैलाएगा, उसका जवाब फांसी के तख्ते पर ही दिया जाएगा।”
अमित शाह ने अपने भाषण में स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद को समाप्त करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है और धारा 370 को वापस लाने का कोई सवाल ही नहीं है।