नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स ) – भगवान गणेश का आगमन भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन होता है, जिसे लोग घर-घर में धूमधाम से मनाते हैं। इसके 10 दिन बाद, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है, हालांकि कई स्थानों पर इसे डेढ़ दिन या पांच दिन बाद भी किया जा सकता है। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव सबसे प्रमुख होता है, और यह पूरे देश में कई राज्यों में आनंद से मनाया जाता है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि गणपति के आगमन के बाद क्यों 10 दिन तक रुके रहते हैं? इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है, जिसका संबंध महाभारत के साथ है।
गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन क्यों किया जाता है
अनंत चतुर्दशी के दिन, जब महाभारत का लेखन पूरा हो गया, तो गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई थी। उनका शरीर बिलकुल नहीं हिला था, इसलिए वे सरस्वती नदी में स्नान करके अपने शरीर को साफ किया। इसी कारण गणेश चतुर्दशी के दिन गणेश महोत्सव का आयोजन 10 दिन के लिए किया जाता है, और फिर गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। गणेशोत्सव को आध्यात्मिक दृष्टि से देखने पर, यह 10 दिन हमें आत्मसंयम और मानसिक शुद्धि का समय प्रदान करता है। इस दौरान, व्यक्ति को अपने आप की परिपूर्ण जांच करने का अवसर मिलता है और वह गणेश जी की भक्ति में विशेष ध्यान देता है।अनंत चतुर्दशी के दिन इन उपायों को करने से इनका प्रभाव बढ़ जाता है।
- धन प्राप्ति के लिए, गणेश जी को गुड़ और गाय के घी से बने भोग का आराधना करें। इससे गरीबी दूर हो सकती है और आमदनी में वृद्धि हो सकती है।
- जीवनसाथी प्राप्ति के लिए, गणेश जी को हल्दी में सिंदूर मिलाकर अर्पित करें और विवाह की प्रार्थना करें।
- वाणी दोष को दूर करने के लिए, गणेश विसर्जन से पहले गणपति बप्पा को केले की माला से चढ़ाएं। इससे बुध ग्रह मजबूत होकर शुभ फल देगा।
- सुख-समृद्धि पाने के लिए, गणेश विसर्जन से पहले गणपति को दूर्बा और मोदक का पूर्ण भक्ति भाव से भोग लगाएं और फिर घर में पूरे परिवार के साथ मोदक का प्रसाद साझा करें।
- कामों में सफलता पाने के लिए, गणेश को 4 नारियलों की माला से चढ़ाएं। इससे लंबे समय बाद रुके कामों में सफलता मिल सकती है।
अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी
इस वर्ष, अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी, और इस दिन गणपति विसर्जन के लिए कई शुभ मुहूर्त होंगे। आप इन मुहूर्तों में बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं: प्रातः 06:16 से 07:40 बजे, फिर दिन के 10:42 से 02:10 बजे और शाम के 04:41 से 09:10 बजे। इन मुहूर्तों में गणपति विसर्जन करने से शुभ फल मिल सकता है।