आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी वाईएसआरसीपी नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्तारूढ़ टीडीपी और उसके सहयोगियों द्वारा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित अत्याचारों की शिकायत की है। रेड्डी ने आरोप लगाया कि केवल एक महीने में 31 लोगों की हत्या कर दी गई, 35 लोगों ने आत्महत्या कर ली, 560 निजी और 490 सरकारी संपत्तियां नष्ट कर दी गईं, और 2,700 लोगों को अपने गांवों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रेड्डी ने साझा किए गए पत्र में कहा, “इसके अलावा, हिंसा और हमलों की 1,050 से अधिक घटनाएं हुई हैं। यह वर्तमान सरकार के तहत हमारे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है, जो इसे बनाए रखने के लिए बिल्कुल भी इच्छुक नहीं है।” पूर्व सीएम के अनुसार, ये घटनाएं वाईएसआरसीपी को ‘दबाने’ के लिए एक दुष्ट डिजाइन का हिस्सा थीं, जिसका एकमात्र उद्देश्य ‘पार्टी से जुड़े किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक परिदृश्य से बाहर करना था।’ यह पत्र विनुकोंडा में वाईएसआरसीपी कार्यकर्ता शेख राशिद की हत्या के मद्देनजर आया है। जगन मोहन रेड्डी आज राशिद के परिवार से मुलाकात करने वाले हैं।
जगन ने कहा कि कुल मिलाकर, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है और राज्य अब इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने चुनाव के बाद हुई घटनाओं की केंद्र सरकार की एजेंसियों से जांच कराने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, रेड्डी ने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतांत्रिक सरकार के कोई संकेत नहीं हैं और दावा किया कि संविधान, कानून और राजनीतिक व्यवस्था ‘गैर-कार्यात्मक’ हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 27 आईएएस और 24 आईपीएस अधिकारियों को टीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ अज्ञात’ कारणों से पोस्टिंग आवंटित नहीं की गई।