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Arabian Sea: हाईजैकिंग का नाकामी; भारतीय नौसेना ने अरब सागर में समुद्री लुटेरों की दो बड़ी कोशिशों को रोका

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नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) :  आपत्ति से बचाव में भारतीय नौसेना ने दोनों अरब सागर क्षेत्र में हुई हाईजैकिंग की कोशिशों को नाकाम करते हुए 28 और 29 जनवरी को अभियान चलाया।


उदाहरण से सिख: भारतीय नौसैनिक युद्धपोत की प्रेरणा
रक्षा मामलों से जुड़े अफसरों के अनुसार, युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से ईरान के जहाज एफबी ईमान को बचाने के बाद एक अब अन्य अभियान में सोमालियाई लुटेरों के शिकंजे से जहाज अल नईमी को मुक्त कराया।

हिंद महासागर की कड़ी निगरानी: भारत का अपना सुरक्षाध्येय
इस उदाहरण से सीखते हुए, भारतीय नौसेना ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की कड़ी निगरानी है और यहां क्रियाशील रूप से भविष्य की चुनौतियों का सामना कर रही है।


28 जनवरी को भी समुद्री लुटेरों से छुड़ाया था जहाज
हिंद महासागर को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार सक्रिय भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अदन की खाड़ी के पास अगवा किए एक ईरानी पोत और 17 क्रू सदस्यों को सोमवार को लुटेरों के कब्जे से छुड़ा लिया था। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, एंटी-पायरेसी अभियान के तहत अरब सागर में तैनात आईएनएस सुमित्रा ने ईरानी जहाज से मदद की गुहार मिलने पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और अगवा किए गए जहाज को बचाया गया।
मधवाल ने बताया था कि सोमालिया के पूर्वी तट और अदन की खाड़ी के बीच समुद्री डकैती रोधी अभियानों पर तैनात आईएनएस सुमित्रा ने ईरानी झंडे के मछली पकड़ने वाले जहाज (एफबी) ईमान से मिले संकट संदेश का जवाब दिया। उसने अगवा किए गए जहाज को रोका और चालक दल के सभी 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं को मजबूर करने के लिए स्थापित एसओपी के मुताबिक कार्रवाई की। बाद में पूरे जहाज की तलाशी ली गई, ताकि कोई समुद्री लुटेरा जहाज में छिपा नहीं रहे। इसके बाद जहाज को आगे के लिए रवाना किया गया। कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि भारतीय नौसेना का यह प्रयत्न हिंद महासागर क्षेत्र को समुद्री डकैती मुक्त बनाने के भारत के संकल्प का प्रतीक है।

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