गर्मियों के मौसम में खाना खाने के बाद अक्सर हमें पेट फूलने, भारी लगने और जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा अक्सर खराब पाचन स्वास्थ्य की वजह से होता है। गर्मियों के दिनों में अधिकतर लोगों का पाचन समस्याएं हो जाती है। आमतौर पर ये समस्याएं ज्यादा पसीने, शरीर में पानी की कमी और तला-भुना खाना खाने की वजह से होती है, जो बेहद ही आम बात है। लेकिन सवाल ये है कि खराब पाचन को ठीक कैसे किया जाए वो भी किसी दवा का सेवन किए बिना? डॉक्टर दीक्षा भावसार सावलिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कुछ आयुर्वेदिक टिप्स साझा की है, जो पाचन का स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करेगी।
डॉक्टर दीक्षा ने बताया कि अच्छे पाचन के लिए रात के खाने और अगले दिन के नाश्ते के बीच 12 घंटे का अंतर रखना जरुरी है। इस समय के दौरान खाना भी अच्छे से पच जाएगा। इसके अलावा इस समय के अंतर से शरीर को आराम करने के लिए लंबा समय मिलेगा और आंत और हृदय सहित सभी अंगों की अच्छे से मरम्मत हो जाएगी। पर्याप्त रूप से आराम पाने के पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है। यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं, तो इस अभ्यास से बेहतर डंप की संभावना में काफी सुधार होगा। इस अभ्यास से पेट फूलने की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी मदद मिलेगी।
आयुर्वेद के अनुसार, जो प्रतिदिन तक्र का उपयोग करता है वह रोगों से ग्रस्त नहीं होता है, और तक्र से ठीक हुआ रोग दोबारा नहीं होता है; जैसे अमृत देवताओं के लिए है, तक्र मनुष्यों के लिए है। डॉक्टर दीक्षा ने लोगों को दोपहर के भोजन के साथ या उसके 30 मिनट बाद 1 गिलास छाछ पीने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि छाछ स्वास्थ्य को बनाए रखने और यहां तक कि बीमारियों का इलाज करने में भी मदद करता है। छाछ आंत को पचाने में आसान है, चयापचय में सुधार करता है और कफ और वात को कम करता है।
हम आमतौर पर रात का खाना सूर्यास्त के आसपास या सूर्यास्त के एक घंटे के भीतर खा लेते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सूर्यास्त के बाद आपका मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है, इसलिए रात के खाने में हल्की चीजें जैसे बाजरा आधारित दलिया, चावल, चिल्ला, सब्जी/दाल का सूप आदि खाना सबसे अच्छा है। शोध से पता चलता है कि जो लोग सोने से 3 घंटे पहले हल्का भोजन करते हैं, उनमें एसिडिटी, मधुमेह, कब्ज और हृदय रोग की संभावना सबसे कम होती है।