दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने रविवार को ‘जनता की अदालत’ का आयोजन किया, जहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मोदी ने ईमानदारी से काम करने के कारण उन्हें और AAP नेताओं को जेल में भिजवाया।
केजरीवाल ने बताया कि पिछले दस सालों में उनकी सरकार ने बिजली और पानी मुफ्त किया, लोगों के लिए चिकित्सा सेवाएं प्रदान की, और शिक्षा में सुधार किया। उन्होंने कहा, “मोदी जी को मेरी ईमानदारी से डर लगता है, इसलिए उन्होंने AAP को बेईमान साबित करने के लिए हमारे नेताओं को जेल में डाल दिया।”
केजरीवाल ने PMLA कानून का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी ने हमारे खिलाफ देश का सबसे कठोर कानून लगाया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हमें बेल दे दी है। मैं इस दाग के साथ जी नहीं सकता।” उन्होंने अपने कार्यों की सफाई देते हुए कहा, “अगर मैं बेईमान होता तो तीन हजार करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली के लिए गबन कर लेता।”
केजरीवाल ने 4 अप्रैल 2011 के अन्ना आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी उन्हें चुनाव लड़ने की चुनौती दी गई थी। “हमारे पास पैसे और गुंडे नहीं थे, लेकिन फिर भी हमने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की,” उन्होंने कहा।
केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार करने के लिए सत्ता में नहीं आया था। “मैंने दस साल में सिर्फ प्यार कमाया है, और मैं कुछ दिनों में सीएम का बंगला छोड़ दूंगा,” उन्होंने कहा।
केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से सवाल पूछते हुए कहा, “क्या मोदी जी का विरोध करना और देशभर में पार्टियों को तोड़ना सही है?” उन्होंने बीजेपी और आरएसएस के नेताओं पर भी सवाल उठाए, जो उनकी नीतियों से असहमत हैं।
जंतर-मंतर पर केजरीवाल का संबोधन स्पष्ट करता है कि आम आदमी पार्टी अपने विचारों और नीतियों को लेकर दृढ़ है और वह मोदी सरकार की नीतियों का विरोध जारी रखेगी।