हर साल आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि का महापर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक चलता है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर से हुई थी, और इसका समापन 11 अक्तूबर को होगा। नवरात्रि के अवसर पर मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी कष्टों का अंत होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा की पूजा से व्यक्ति को पृथ्वी पर स्वर्ग के समान सुखों की प्राप्ति होती है। अष्टमी तिथि, जो सप्तमी के अगले दिन आती है, का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्तूबर को दोपहर 12:31 बजे से हुई थी और इसका समापन 11 अक्तूबर को दोपहर 12:06 बजे होगा। महागौरी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:20 से 7:47 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
प्रतिमा स्थापना: मां महागौरी की प्रतिमा को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
पूजा सामग्री: महागौरी को फल, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
मंत्र जाप: पूजा के समय ‘ॐ महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा’ और ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः’ मंत्रों का जाप करें।
अष्टगंध अर्पण: मां को कुमकुम, चंदन और रोली से अष्टगंध लगाएं।
भोग और आरती: अंत में मां महागौरी को भोग लगाकर आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें।
अष्टमी के दिन मां महागौरी की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी प्रकार की परेशानियां समाप्त होती हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।