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एस्ट्रोसैट: न्यूट्रॉन तारे के चुंबकीय क्षेत्र का अन्वेषण

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एस्ट्रोसैट, भारत की पहली मल्टी-वेवलेंथ अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला, ने अल्ट्रा हाई चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेट) के साथ एक नए और विशिष्ट न्यूट्रॉन तारे से चमकने सब-सेकेंड एक्स-रे विस्फोट का पता लगाया है। इससे मैग्नेटर्स की दिलचस्प चरम खगोल भौतिकी स्थितियों को समझने में सहायता मिल सकती है।

मैग्नेटर्स और उनकी चरम खगोल भौतिकी स्थितिएं

मैग्नेट न्यूट्रॉन तारे हैं जिनमें अल्ट्रा हाई चुंबकीय क्षेत्र होता है, जो स्थलीय चुंबकीय क्षेत्र की तुलना में बहुत अधिक मजबूत होता है। मैग्नेट का चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से एक क्वाड्रिलियन गुना अधिक मजबूत होता है और इसमें उच्च-ऊर्जा विद्युत चुम्बकीय विकिरण के उत्सर्जन की शक्ति होती है।

एक मैग्नेट का नाम एनसीआर जे 1830-0645 है, जिसे नासा के स्विफ्ट अंतरिक्ष यान ने खोजा था। यह अपेक्षाकृत युवा और पृथक न्यूट्रॉन तारा है।

एस्ट्रोसैट का अनुसंधान

एस्ट्रोसैट ने एक्स-रे ऊर्जा में मैग्नेट का अध्ययन करने के लिए बड़े क्षेत्र वाले एक्स-रे आनुपातिक काउंटर और सॉफ्ट एक्स-रे टेलीस्कोप का उपयोग किया। इस अध्ययन से मिले डेटा में 67 छोटे सब-सेकंड एक्स-रे विस्फोटों का पता लगाया गया है, जिसमें से एक सबसे चमकीला विस्फोट लगभग 90 मिलीसेकंड का रहा।

इस अध्ययन में कहा गया है कि एनसीआर जे 1830-0645 एक विशिष्ट मैगनेट है जो अपने स्पेक्ट्रा में उत्सर्जन लाइन को प्रदर्शित करता है। उत्सर्जन लाइनों की उपस्थिति और इसकी संभावित उत्पत्ति का अध्ययन इसे और भी रोचक बनाता है।

इस शोध ने यह भी दिखाया है कि ये ऊर्जावान उत्सर्जन घटकों में ऊर्जा के साथ महत्वपूर्ण अंतर है और इससे और भी विस्तृत अध्ययन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

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